तस्मादसक्तः सततं कार्यं कर्म समाचर।

असक्तो ह्याचरन्कर्म परमाप्नोति पूरुषः।।3.19।।

tasmād asaktaḥ satataṁ kāryaṁ karma samāchara asakto hyācharan karma param āpnoti pūruṣhaḥ

।।3.19।। इसलिये तू निरन्तर आसक्तिरहित होकर कर्तव्य-कर्मका भलीभाँति आचरण कर; क्योंकि आसक्तिरहित होकर कर्म करता हुआ मनुष्य परमात्माको प्राप्त हो जाता है।

Made with ❤️ by a Krishna-Bhakt like you! हरे कृष्ण