आरुरुक्षोर्मुनेर्योगं कर्म कारणमुच्यते।

योगारूढस्य तस्यैव शमः कारणमुच्यते।।6.3।।

ārurukṣhor muner yogaṁ karma kāraṇam uchyate yogārūḍhasya tasyaiva śhamaḥ kāraṇam uchyate

।।6.3।। जो योग-(समता-) में आरूढ़ होना चाहता है, ऐसे मननशील योगीके लिये कर्तव्य-कर्म करना कारण कहा गया है और उसी योगारूढ़ मनुष्यका शम (शान्ति) परमात्मप्राप्तिमें कारण कहा गया है।

Made with ❤️ by a Krishna-Bhakt like you! हरे कृष्ण