एतन्मे संशयं कृष्ण छेत्तुमर्हस्यशेषतः।

त्वदन्यः संशयस्यास्य छेत्ता न ह्युपपद्यते।।6.39।।

etan me sanśhayaṁ kṛiṣhṇa chhettum arhasyaśheṣhataḥ tvad-anyaḥ sanśhayasyāsya chhettā na hyupapadyate

।।6.39।। हे कृष्ण! मेरे इस सन्देहका सर्वथा छेदन करनेके लिये आप ही योग्य हैं; क्योंकि इस संशयका छेदन करनेवाला आपके सिवाय दूसरा कोई हो नहीं सकता।

Made with ❤️ by a Krishna-Bhakt like you! हरे कृष्ण