एतद्योनीनि भूतानि सर्वाणीत्युपधारय।

अहं कृत्स्नस्य जगतः प्रभवः प्रलयस्तथा।।7.6।।

etad-yonīni bhūtāni sarvāṇītyupadhāraya ahaṁ kṛitsnasya jagataḥ prabhavaḥ pralayas tathā

।।7.6।। अपरा और परा -- इन दोनों प्रकृतियोंके संयोगसे ही सम्पूर्ण प्राणी उत्पन्न होते हैं, ऐसा तुम समझो। मैं सम्पूर्ण जगत् का प्रभव तथा प्रलय हूँ।

Made with ❤️ by a Krishna-Bhakt like you! हरे कृष्ण