समोऽहं सर्वभूतेषु न मे द्वेष्योऽस्ति न प्रियः।

ये भजन्ति तु मां भक्त्या मयि ते तेषु चाप्यहम्।।9.29।।

samo ’haṁ sarva-bhūteṣhu na me dveṣhyo ’sti na priyaḥ ye bhajanti tu māṁ bhaktyā mayi te teṣhu chāpyaham

।।9.29।। मैं सम्पूर्ण प्राणियोंमें समान हूँ। उन प्राणियोंमें न तो कोई मेरा द्वेषी है और न कोई प्रिय है। परन्तु जो भक्तिपूर्वक मेरा भजन करते हैं, वे मेरेमें हैं और मैं उनमें हूँ।

Made with ❤️ by a Krishna-Bhakt like you! हरे कृष्ण