मन्मना भव मद्भक्तो मद्याजी मां नमस्कुरु।

मामेवैष्यसि युक्त्वैवमात्मानं मत्परायणः।।9.34।।

man-manā bhava mad-bhakto mad-yājī māṁ namaskuru mām evaiṣhyasi yuktvaivam ātmānaṁ mat-parāyaṇaḥ

।।9.34।। तू मेरा भक्त हो जा, मेरेमें मनवाला हो जा, मेरा पूजन करनेवाला हो जा और मेरेको नमस्कार कर। इस प्रकार मेरे साथ अपने-आपको लगाकर, मेरे परायण हुआ तू मेरेको ही प्राप्त होगा। ,

Made with ❤️ by a Krishna-Bhakt like you! हरे कृष्ण