सर्वमेतदृतं मन्ये यन्मां वदसि केशव।

न हि ते भगवन् व्यक्ितं विदुर्देवा न दानवाः।।10.14।।

sarvam etad ṛitaṁ manye yan māṁ vadasi keśhava na hi te bhagavan vyaktiṁ vidur devā na dānavāḥ

।।10.14।। हे केशव ! मेरेसे आप जो कुछ कह रहे हैं, यह सब मैं सत्य मानता हूँ। हे भगवन् ! आपके प्रकट होनेको न तो देवता जानते हैं और न दानव ही जानते हैं।

Made with ❤️ by a Krishna-Bhakt like you! हरे कृष्ण