य एवं वेत्ति पुरुषं प्रकृतिं च गुणैःसह।सर्वथा वर्तमानोऽपि न स भूयोऽभिजायते।।13.24।।

ya evaṁ vetti puruṣhaṁ prakṛitiṁ cha guṇaiḥ saha sarvathā vartamāno ’pi na sa bhūyo ’bhijāyate

।।13.24।।इस प्रकार पुरुषको और गुणोंके सहित प्रकृतिको जो मनुष्य अलग-अलग जानता है, वह सब तरहका बर्ताव करता हुआ भी फिर जन्म नहीं लेता।

Made with ❤️ by a Krishna-Bhakt like you! हरे कृष्ण