यथा सर्वगतं सौक्ष्म्यादाकाशं नोपलिप्यते।सर्वत्रावस्थितो देहे तथाऽऽत्मा नोपलिप्यते।।13.33।।

yathā sarva-gataṁ saukṣhmyād ākāśhaṁ nopalipyate sarvatrāvasthito dehe tathātmā nopalipyate

।।13.33।।जैसे सब जगह व्याप्त आकाश अत्यन्त सूक्ष्म होनेसे कहीं भी लिप्त नहीं होता, ऐसे ही सब जगह परिपूर्ण आत्मा किसी भी देहमें लिप्त नहीं होता।

Made with ❤️ by a Krishna-Bhakt like you! हरे कृष्ण