सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः।।18.66।।

sarva-dharmān parityajya mām ekaṁ śharaṇaṁ vraja ahaṁ tvāṁ sarva-pāpebhyo mokṣhayiṣhyāmi mā śhuchaḥ

।।18.66।।सम्पूर्ण धर्मोंका आश्रय छोड़कर तू केवल मेरी शरणमें आ जा। मैं तुझे सम्पूर्ण पापोंसे मुक्त कर दूँगा, चिन्ता मत कर।

Made with ❤️ by a Krishna-Bhakt like you! हरे कृष्ण